Deena
गमें ज़िन्दगी तेरी राह में, शबे आरज़ू तेरी चाह में, जो उजड़ गया वो बसा नहीं, जो बिछड़ गया वो मिला नहीं, जो मेरे दिल का सुरूर था, पास रहकर भी दूर था, वो एक गुलाब सुकून का, मेरी शाख ऐ जान पर खिला नहीं, मेरा हमसफ़र जो अजीब है, तो अजीब दर्द में भी.……… मुझे मंजिलो की खबर नहीं, उसे रास्तों का पता नहीं, बस एक कारवां, सिरे राह गुज़र, मैं हारी हूँ तो इसलिए ……. कि कदम तो सबसे मिला लिए, मेरा दिल किसी से मिला नही!!!