मलाल उसका................

करू तो किस लिए आखिर मलाल उसका,
उसे नहीं तो मुझे भी नहीं ख्याल उसका,
मेरी वफ़ा ने बनाया है बेवफा उसको,
किसी अदा पर नहीं है कमाल उसका,
मेरे नसीब की ये भी तो खुश नसीबी है,
के मुझको देखकर सब पूछते है हाल उसका,
यही दुआ मैं करता हूँ हर बरस के पहले दिन,
मेरे बगैर न गुजरे कोई भी साल उसका...

Comments

दीना..
हिन्दी चिट्ठा जगत में आपका हार्दिक स्वागत है, आप हिन्दी में बढ़िया लिखें और खूब लिखें यही उम्मीद है।

एक अनुरोध है कृपया यह वर्ड वेरिफिकेशन हटा दें,तो बढ़िया होगा यह टिप्पणी करते समय बड़ा परेशान करता है।

॥दस्तक॥
तकनीकी दस्तक
गीतों की महफिल
Anonymous said…
This comment has been removed by a blog administrator.
Amit K Sagar said…
achchaa lagaa aapko padhnaa. aur hasrat bhi ghar kar gai...hotaa rahe aapke kalaamon se ru-b-ru hamraaa honaa...
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ultateer

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