एक बार जी भर के सज़ा क्यूँ नही देते?
गर इश्क-ऐ-खता हूँ तो मिटा क्यूँ नही देते?
साया हूँ तो साथ न रखने की वजह क्या है?
पत्थर हूँ तो रस्ते से हटा क्यूँ नही देते??
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मुद्दत से किसी से मिलने की थी आरजू,
ख्वाहिशे दीदार में सबकुछ गवा दिया,
किसी ने कहा की आयेंगे वो रात को,
इतना किया उजाला की अपना घर ही जला दिया....
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कतरा कतरा बहते थे आंसू ,
हम उन्हें सुखा भी न पाए,
इससे बड़ी वफ़ा की सज़ा क्या होगी?
वो रोये हमसे लिपट कर ,
किसी और के लिए,
और हम उन्हें हटा भी न पाए......
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गमें ज़िन्दगी के मारे है,
हर बाजी जीत के भी हारे है,
मेरी झोली में जो पत्थर है,
ये मेरे चाहने वालो ने मारे है.....
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Comments

M VERMA said…
किसी ने कहा की आयेंगे वो रात को,
इतना किया उजाला की अपना घर हे जला दिया....
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बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
सुन्दर भाव्
गमें ज़िन्दगी के मरे है,
हर बाजी जीत के भी हरे है,
मेरी झोली में जो पत्थर है,
ये मेरे चाहने वालो ने मरे है.....
बहुत ही सुन्दर और सही अभव्यक्ति है आभार्
AAKHIR ES DARD KI VAJAH KYA H?
KAUN H GUNAHGAR VO , AUR USKI SAJA KYA H.
Anonymous said…
Hey Dear...TooooooooooGooooooood...
What a beauty in each word & pain of love...how could u bear all pain in love...
इस कदर टूटकर चाहने वालों को तो, खुदा भी मिल जाता है...
वो पत्थर दिल सनम होगा, जिसे तुम सा खुदा नही दिख रहा है...
Anonymous said…
This comment has been removed by a blog administrator.
गमें ज़िन्दगी के मरे है,
हर बाजी जीत के भी हरे है,
मेरी झोली में जो पत्थर है,
ये मेरे चाहने वालो ने मरे है.....
~♥~Dєєηค~♥~जी
सुन्दर अभिव्यक्ति !!!
आभार/मगलभावनाओ के सहीत
HEY PRABHU YAH TERAPANTH
MUMBAI-TIGER
हे प्रभू यह तेरापन्थ

मुम्बई टाईगर
भाव बहुत अच्छा लगा भरा हुआ है प्यार।
हु को हूँ कर दें अगर फिर हो भूल सुधार।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
हर शब्द बहुत गहरी बात कहता है। जब अपनी पसंद की पंक्तियाँ छाँटने लगा तो किसी एक छाँट नही सका। सबकी सब बेहतरीन। कहाँ से ले आई ये भाव। अद्भुत।
एक से बढ़कर एक हैं ...मजा आ गया
Unknown said…
गमें ज़िन्दगी के मारे है,
हर बाजी जीत के भी हारे है,
मेरी झोली में जो पत्थर है,
ये मेरे चाहने वालो ने मारे है.....



Atti Sunder!

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