कुछ दूर हमारे साथ चलो....

कुछ दूर हमारे साथ चलो, हम दिल की कहानी कह देंगे,
समझे न जिसे तुम आँखों से, वो बात जुबानी कह देंगे,
फूलों की तरह जब होंठों पे, एक शोख तबस्सुम बिखरेगा,
धीरे से तुम्हारे कानो में, एक बात पुरानी कह देंगे,
इकरार वफ़ा तुम क्या जानो, इजहार वफ़ा तुम क्या जानो,
हम ज़िक्र करेंगे गैरों का, और अपनी कहानी कह देंगे!!!!

Comments

Udan Tashtari said…
वाह! बहुत खूब. बधाई.
फूलों की तरह जब होंठों पे, एक शोख तबस्सुम बिखरेगा,
धीरे से तुम्हारे कानो में, एक बात पुरानी कह देंगे,

वाह!!!

***राजीव रंजन प्रसाद
www.rajeevnhpc.blogspot.com
कुश said…
वाह क्या बात है बहुत बढ़िया

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